सांभर झील में पक्षी त्रासदी का ह्यूमन लाइफ पर सबसे बड़ा साइड-इफेक्ट नमक में किसी हानिकारक तत्व की आशंका को लेकर सामने आया था। इसके बाद नमक सप्लाई पर रोक लगाई गई। भास्कर ने पूरी तरह लगी रोक और इसके प्रभाव को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की तो अब पुराने स्टॉक (जो त्रासदी से पहले इकट्ठा) को जारी रखने की मंजूरी मिली है। मंगलवार को दिल्ली में बैठे नमक अधिकारियों (वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय) ने इस बारे में निर्देश जारी किए। इसके बाद राजधानी स्थित नमक आयुक्त कार्यालय से आदेशों की पालना में पुराने नमक उत्पादन को जारी करने की छूट दी है। आदेशानुसार जुलाई 2019 से पहले के स्टॉक को भेजने की अनुमति दी गई है। इसका मौजूदा पक्षी त्रासदी से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था। वहीं, नमक इंस्पेक्टरों की ओर से जुटाई जानकारी के मुताबिक यह पुराना स्टाॅक करीब 2 लाख टन के आसपास है।
पक्षी त्रासदी से पहले तैयार हुए 2 लाख टन नमक में साइड इफेक्ट नहीं, सप्लाई मंजूर